संबल - छत्तीसगढ़ सरकार की कल्याणकारी योजनाएँ

‘संबल’ छत्तीसगढ़ सरकार के द्वारा छापी गयी पत्रिका है। जो हर शासकीय पुस्तकालयो मे सरकार द्वारा दी जाती है, इसका PDF दिये गए लिंक से download कर सकते है। 

संबल का अर्थ है सभी जनो का एकजुट बल, बिलकुल सबका साथ सबका विकास जैसा ।  

यह एक वार्षिक पत्रिका है, इसमे छत्तीगढ़ मे कार्यान्वित योजनाए की सूची दी गयी है जो CGPSC के आकांक्षियों  के लिए सहायक है, इसमे से लगभक 2 या 3 प्रश्न देखने को मिलते है । 

नवीनतम संबल पत्रिका मे CM श्री भूपेश बघेल जी  की सरकार की योजनाओ की सूची है ।  17 दिसम्बर 2018 से श्री भूपेश बघेल जी CM के पद पर पदस्थ है तब से जो योजनाएं  लागू की गयी है उनकी सूची संबल मे दी गयी है। गत 2019 से अब तक की सारी मुख्य योजनाएँ इसमे दी गयी है ।

 

संबल पत्रिका , बात हे अभिमान के छत्तीसगढ़िहा सवाभिमान के

 इसमे छ.ग. सरकार की  मुख्य 37 योजनाएँ  लिपिबद्ध है , संबल पत्रिका की विषय सूची इस प्रकार है ।

छत्तीसगढ़ सरकार की कल्याणकारी योजनाएं :- संबल Content

छत्तीगढ़ सरकार की 2023 की योजनाएं | करेंट अफेयर | योजनाएँ से पूछे जाने वाले प्रश्न |

  1.  राजीव गांधी किसान न्याय योजना
  2. गोधन न्याय योजना
  3. मुख्यमंत्री शहरी स्लम स्वास्थ्य योजना
  4. दाई दीदी क्लीनिक
  5. मुख्यमंत्री हाट बाजार क्लीनिक योजना
  6. मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान
  7. डॉ. खूबचंद बघेल स्वास्थ्य सहायता योजना
  8. मुख्यमंत्री विशेष स्वास्थ्य सहायता योजना
  9. नई औद्योगिक नीति
  10. औद्योगिक आर्थिक विकास के नए आयाम
  11. रियल इस्टेट सेक्टर में हो रहा नवाचार
  12. राजीव युवा मित्तान क्लब
  13. पानी पसारी योजना
  14. मलेरिया मुक्त बस्तर अभियान
  15. पढ़ई तुहर दुआर
  16. स्वामी आत्मानंद इंग्लिश मीडियम स्कूल योजना
  17. कोदिड-19 के दौरान अहम फैसले
  18. सार्वभौम पीडीएस
  19.  शहीद महेन्द्र कर्मा तेंदूपत्ता संग्राहक सामाजिक सुरक्षा योजना
  20.  मुख्यमंत्री सुगम सड़क योजना
  21.  राज्य के प्रमुख विकास प्राधिकरण
  22.  महात्मा गांधी उद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय
  23.  टेनिस स्पोर्ट्स अकादमी
  24. नरवा, गरवा घुरवा और बारी
  25.  धरसा विकास योजना
  26. मछली पालन को खेती की दर्जा
  27. वन अधिकार अधिनियम का क्रियान्वयन
  28. मुख्यमंत्री वार्ड कार्यालय
  29. मोर बिजली एप
  30. हाफ बिजली बिल
  31. मनरेगा
  32. राम वनगमन पर्यटन परिपथ का विकास
  33. हो रहा अधोसंरचना का विकास
  34. किसानों के कर्ज माफ
  35. वनोपज संग्रहण 2020-21
  36. चिटफंड निवेशकों को मिला न्याय

राजीव गांधी किसान न्याय योजना

उद्देश्य –  किसानों को फसल उत्पादन के लिए प्रोत्साहित करना तथा कृषि रकबे में वृद्धि करना 

प्रारंभ – भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री स्व. राजीव गांधी की शहादत पुण्यतिथि 21 मई 2020 से

प्रावधान/ लाभ  राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत प्रावधानित 5750करोड़ रूपए की राशि किसानों के खातों में चार किस्तों में अंतरित की जा रही है।

  • 1 नवम्बर 2020 तक 4500 करोड़ रू. का भुगतान किया गया।
  • इस योजना से प्रदेश 19 लाख किसान लाभान्वित हो रहे हैं ।
  • योजना के शुरूआती वर्ष में धान, मक्का और गन्ना (रबी) की फसलों को शामिल किया गया है।
  • वर्ष 2020-21 में इसमें दलहन और तिलहन की फसलों को भी शामिल करने का निर्णय लिया जा चुका है।
  • भूमिहीन खेतिहर मजदूरों का भी समावेश
  • छत्तीसगढ़ सरकार ने राज्य के भूमिहीन खेतिहर मजदूरों को ‘राजीव गांधी किसान न्याय योजना’ के दूसरे चरण में शामिल करने का निर्णय लिया है।
  • माननीय मुख्यमंत्री ने इसके लिए एक विस्तृत कार्य योजना तैयार करने के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में समिति का गठन किया है। यह समिति विस्तृत कार्य योजना तैयार कर मंत्रीपरिषद् की मंजूरी के लिए प्रस्तुत करेगी ।

“संबल_संबल-संबल की योजनाएँ” सरकार की वैबसाइट से ली गयी है संबल अच्छी पुस्तिका है संबल से मौजूदा सरकार की सारी योजनाओ का पता चलता है संबल शब्द का अर्थ है सभी लोगो का बल जो की सबका साथ सबका के विचारधारा पर खरा उतरता है  संबल शब्द संबल व सभी का बल है अर्थात संबल छत्तीसगढ़ सरकार का बल है और क्यो ना हो 

2. गोधन न्याय योजना

उद्देश्य – जैविक खेती को बढ़ावा, ग्रामीण एवं शहरी स्तर पर रोजगार के नये अवसरों का निर्माण, गोपालन एवं गो-सुरक्षा को बढ़ावा देने के साथ-साथ पशु पालकों को आर्थिक रूप से लाभान्वित करना । 

प्रारंभ– 20 जुलाई 2020 को हरेली उत्सव के दिन से गोबर की खरीद शुरू की गई है। 

प्रावधान / लाभ– वर्तमान में 3726 गौठानों में 2 रूपए प्रति किलो की दर से ग्रामीणों तथा गोबर संग्राहकों से गोबर खरीदी की जा रही है। राज्य में 1,92,000 पंजीकृत व 1,02,232 लाभान्वित पशुपालक हैं। खरीदे गये गोबर से स्व सहायता समूहों द्वारा वर्मी कम्पोस्ट का निर्माण किया जा रहा है। • योजनान्तर्गत 8 रु. प्रति किलो की दर से वर्मी कम्पोस्ट की बिक्री । वर्मी कम्पोस्ट ‘गोधन वर्मी कम्पोस्ट’ के नाम से लांच • 20 नवम्बर 2020 तक 53.53 करोड़ रूपए का भुगतान किया जा चुका है।

3. मुख्यमंत्री शहरी स्लम स्वास्थ्य योजना

उद्देश्य– राज्य के शहरी क्षेत्रों की गरीब बस्तियों में निवासरत करीब 16 लाख लोगों तक स्वास्थ्य सुविधाओं की पहुंच और आसान करना । 

प्रारंभ– 2 अक्टूबर 2019 महात्मा गांधी की 150वीं जयंती से 

प्रावधान / लाभ– • योजनान्तर्गत शहरी स्लम क्षेत्रों में मोबाइल मेडिकल यूनिट द्वारा चिन्हित स्थानों पर लोगों का स्वास्थ्य परीक्षण, उपचार एवं दवा वितरण । • अब तक 4 हजार 557 से अधिक शिविर आयोजित किये जा चुके हैं, 1.83 लाख से अधिक मरीजों का इलाज किया गया है। • 120 मोबाइल मेडिकल यूनिटों के माध्यम से झुग्गी बस्तियों में ही निःशुल्क परामर्श, इलाज, दवाइयों एवं पैथोलॉजी लैब की सुविधा | • द्वितीय चरण में ‘मुख्यमंत्री शहरी स्लम स्वास्थ्य योजना का प्रदेश के समस्त 166 शहरों में विस्तार ।

4. दाई दीदी क्लीनिक

महिला सशक्तिकरण की अभिनव पहल दाई – दीदी क्लीनिक 

उद्देश्य– महिला चिकित्सकों द्वारा महिलाओं को निःशुल्क उपचार मुहैया कराने । 

प्रारंभ– 19 नवम्बर 2020 

प्रावधान / लाभ– • डेडिकेटेड महिला स्टॉफ के माध्यम से महिला श्रमिकों एवं बच्चियों को निःशुल्क उपचार एवं परामर्श । • देश की पहली महिला स्पेशल क्लिनिक । • वर्तमान में मुख्यमंत्री शहरी स्लम स्वास्थ्य योजना अंतर्गत नगर निगम रायपुर, भिलाई एवं बिलासपुर में एक-एक क्लीनिक का संचालन |

5. मुख्यमंत्री हाट बाजार क्लीनिक योजना

उद्देश्य-
हाट-बाजारों के माध्यम से वन, पहाड़ी तथा अन्य दुर्गम क्षेत्रों में निवासरत ग्रामीणों, जनजातीय समूहों तक स्वास्थ्य सुविधाओं की पहुंच आसान करना ।


प्रारंभ – 2 अक्टूबर 2019 राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150वीं जयंती से

प्रावधान / लाभ– • हाट-बाजारों के माध्यम से स्वास्थ्य परीक्षण, उपचार एवं दवा वितरण | • दूरस्थ एवं दुर्गम क्षेत्रों में मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में निरंतर कमी आ रही है। • महिलाओं एवं बच्चों के पोषण में सुधार की सतत निगरानी। • बस्तर में मलेरिया उन्मूलन अभियान के प्रभावी क्रियान्वयन में मदद | • इस योजना के अंतर्गत अब तक राज्य के दूरस्थ क्षेत्रों में निवासरत 12 लाख 12 हजार 564 मरीज लाभान्वित हो चुके हैं।

6. मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान

उद्देश्य-
राष्ट्रीय परिवार सर्वेक्षण-4 के अनुसार प्रदेश के 5 वर्ष से कम उम्र के 37.7 प्रतिशत बच्चे कुपोषण और 15 से 49 वर्ष की 47 प्रतिशत महिलाएं एनीमिया से पीड़ित थीं । कुपोषित बच्चों में अधिकांश आदिवासी और दूरस्थ वनांचलों के थे। राज्य सरकार ने इसे चुनौती के रूप में लेते हुए मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान की शुरूआत की अगले 3 वर्षों में प्रदेश को कुपोषण और एनीमिया से मुक्त करने की रणनीति तैयार की गई है।
प्रारंभ– 2 अक्टूबर 2019 को महात्मा गांधी जयंती से
प्रावधान / लाभ
योजना शुरू होने के समय वजन त्यौहार के आंकड़ों के अनुसार प्रदेश में लगभग 4 लाख 92 हजार बच्चे कुपोषित थे, इनमें से 67 हजार से अधिक बच्चे अब कुपोषण मुक्त हो गए हैं। इस तरह कुपोषित बच्चों की संख्या में लगभग 13.79 प्रतिशत की कमी आयी है।    • योजनान्तर्गत 51,455 आंगनबाड़ी केन्द्रों के लगभग 25 लाख हितग्राहियों को घर-घर जाकर रेडी-टू-ईट का वितरण किया गया। लाखडाउन के दौरान 2.84 लाख बच्चों एवं महिलाओं को सूखा राशन (चावल, दाल, सब्जी) एवं 2.36 लाख बच्चों एवं महिलाओं को पौष्टिक आहार का वितरण किया गया। एनीमिया प्रभावितों को आयरन, फोलिक एसिड, कृमि नाशक गोलियां दी जाती हैं।

7. डॉ. खूबचंद बघेल स्वास्थ्य सहायता योजना

इलाज सबका जिम्मा हमारा

उद्देश्य– प्रदेश के लोगों को शासकीय चिकित्सालयों एवं अनुबंधित निजी अस्पतालों में गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा सेवाएं उपलब्ध कराना। नागरिकों को बीमारी व इलाज के खर्च की चिंता से मुक्त कर उनके स्वास्थ्य का स्तर ऊंचा उठाना। 

गरीब से गरीब व्यक्ति तक स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच सुनिश्चित करना । 

प्रारंभ– 01 जनवरी 2020 

प्रावधान / लाभ- 

  • प्रदेश में 65 लाख परिवार इस योजना के दायरे में हैं।
  • योजना के तहत बीपीएल के 56 लाख परिवारों को सालाना पांच लाख रूपये तक एवं 9 लाख एपीएल परिवारों को हर वर्ष 50 हजार रूपए तक के निःशुल्क इलाज की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही हैं।
  • 01 जनवरी 2020 से अब तक 3,20,783 लोगों को उपचार मुहैया कराया जा चुका है।

8. मुख्यमंत्री विशेष स्वास्थ्य सहायता योजना

उद्देश्य – राज्य के नागरिकों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराने, गंभीर तथा दुर्लभ बीमारियों के इलाज में होने वाले व्यय से बचाने हेतु राज्य शासन द्वारा संजीवनी सहायता कोष का विस्तार करते हुए मुख्यमंत्री विशेष स्वास्थ्य सहायता योजना प्रारंभ की गई है। 

इस योजना के अंतर्गत अधिकतम 20 लाख रूपये तक के इलाज की सुविधा प्रदान की जा रही है।

छत्तीसगढ़ ऐसा पहला राज्य है, जो इतनी बड़ी राशि अपने राज्य के नागरिकों के इलाज के लिए प्रदान कर रहा है, ताकि स्वस्थ एवं बेहतर छत्तीसगढ़ का निर्माण किया जा सके।

प्रारंभ 01 जनवरी 2020 

प्रावधान / लाभ- • माननीय मुख्यमंत्री द्वारा योजना के तहत 01 जनवरी 2020 से अब तक 346 प्रकरणों में 5 करोड़ रूपए की राशि के इलाज की स्वीकृति प्रदान की गई हैं।

9. नई औद्योगिक नीति

उद्देश्य – राज्य के औद्योगिक विकास को गति देने, समावेशी विकास के लक्ष्य को हासिल करने एवं परिपक्व अर्थव्यवस्था का निर्माण करने के लिए नवीन औद्योगिक नीति 2019-24 लागू की गई है। 

प्रारंभ 1 नवम्बर 2019 से – 

प्रावधान / लाभ

  • कृषि एवं वन आधारित उद्योगों की स्थापना को प्रोत्साहन । 
  • धान तथा गन्ने से बायो इथेनाल के उत्पादन को विशेष रूप से उच्च प्राथमिकता, ताकि कृषि उत्पादों को स्थानीय स्तर पर समुचित मूल्य मिल सके।
  •  नयी औद्योगिक नीति के तहत स्थापित होने वाले उद्यमों में आवश्यक कुशल श्रेणी में 70 प्रतिशत, अकुशल श्रेणी में 100 प्रतिशत एवं प्रबंधकीय श्रेणी में 40 प्रतिशत रोजगार स्थानीय निवासियों को देने का प्रावधान।
  • राज्य में 200 फूड पार्क बनाने का लक्ष्य। अब तक 28 जिलों के 101 विकासखंडों में भूमि का चिन्हांकन । कुल 19 विकासखंडों में 248.491 हेक्टेयर शासकीय भूमि के हस्तांतरण का आदेश जारी सुकमा जिले के सुकमा, कोंटा, छिंदगढ़ तथा बस्तर जिले के लोहांडीगुड़ा में भूमि का आधिपत्य पूर्ण पंडरी रायपुर में लगभग 10 एकड़ भूमि पर जैम्स एंड ज्वैलरी पार्क की स्थापना के लिए भूमि का आधिपत्य सीएसआईडीसी को दिया जा चुका है।
  •   रायगढ़ जिले के ग्राम मौहापाली – सियारपाली, मुंगेली जिले के ग्राम खम्हरिया, बेमेतरा जिले के ग्राम खैरा, कोरिया जिले में ग्राम परसगढ़ी एवं रायपुर जिले में ग्राम अभनपुर में लगभग 108.50 हेक्टेयर भूमि पर लघु औद्योगिक क्षेत्रों की स्थापना की कार्यवाही प्रारंभ । 
  • वित्तीय वर्ष 2019-20 में राज्य में नवीन उद्योगों में 12,633 करोड़ रूपए का पूंजी निवेश हुआ, जिससे स्थापित 435 उद्योगों में 7,726 व्यक्तियों को रोजगार मिला। वर्ष 2020-21 में अब तक 213 करोड़ रूपए से अधिक पूंजी निवेश के साथ 110 स्थापित उद्योगों में 1,346 से अधिक व्यक्तियों को

10.औद्योगिक आर्थिक विकास के नए आयाम

  • उद्योग हेतु भूमि का डायवर्जन (व्यपवर्तन) 15 दिवस में
  • जेम एवं ज्वेलरी पार्क हेतु भूमि आवंटित । शासकीय विभागों द्वारा समस्त सामग्रियों की खरीदी में स्थानीय विक्रेताओं / वितरकों की अनिवार्यता ।
  • बड़ी निर्माण परियोजना में उपयोग आने वाली समस्त सामग्रियों के क्रय हेतु विक्रेता का राज्य जीएसटी पंजीयन अनिवार्य ।
  • पूंजी अनुदान 50 प्रतिशत तक आकर्षक सोलर नीति एथेनाल प्लान्ट्स की स्थापना को विशेष प्रोत्साहन ।
  •  लॉक डाउन के दौरान भी राज्य में देश का सर्वाधिक 27 लाख टन स्टील उत्पादन । स्पंज आयरन एवं स्टील उद्योग हेतु क्षेत्रवार छूट की सीमा 60-150 प्रतिशत तक ।
  • स्टील उद्योगों को विद्युत दरों एवं शुल्क में छूट ।
  • कोविड- 19 को देखते हुए औद्योगिक भूमि में भू-आबंटन में भू-प्रीमियम पर 30-60 प्रतिशत की छूट।
  • औद्योगिक भूमि की दर में 30 प्रतिशत की कमी।
  • औद्योगिक भूमि का लीज रेन्ट 3 प्रतिशत से घटाकर 2 प्रतिशत ।
  • औद्योगिक भूमि के स्थानांतरण शुल्क में 5 प्रतिशत की कमी।

औद्योगिक नीति के सरलीकरण से बस्तर और सरगुजा में होगा औद्योगिकीकरण के मार्ग होंगे प्रशस्त

  • छत्तीसगढ़ राज्य की औद्योगिक नीति 2019-24 के अंतर्ग इस्पात (स्पांज आयरन एण्ड स्टील) क्षेत्र के मेगा, अल्ट्रा मेगा प्रोजेक्ट में निवेश हेतु विशेष निवेश प्रोत्साहन पैकेज देने का निर्णय
  • मेगा निवेशकों के लिए घोषित किए गए पैकेज में अधितम 500 करोड़ रूपए तक का निवेश प्रोत्साहन (बस्तर संभाग हेतु 1000 करोड़ रूपए तक) मान्य होगा ।
  • उद्योगों की जरूरत के हिसाब से बस्तर के युवाओं को दिया जाएगा विभिन्न ट्रेडों में प्रशिक्षण
  • बस्तर में उद्योगों की स्थापना के लिए पर्याप्त भूमि उपलब्ध।
  • प्रस्तावित इकाईयों के लिए 31 अक्टूबर 2024 को अथवा उसके पूर्व व्यावसायिक उत्पादन प्रारंभ करना जरूरी होगा ।
  • 100 करोड़ रूपए का स्थाई पूंजी निवेश मद में निवेश कर व्यावसायिक उत्पादन आरंभ करने वाली नवीन इकाईयों को आर्थिक निवेश प्रोत्साहन ।
  • ऊर्जा प्रभार में दी गई छूट से स्टील सेक्टर के 85 प्रतिशत उद्योगों को मिली सुरक्षा
  • वनांचल उद्योग पैकेज
    राज्य के वनोपज, हर्बल तथा वन पर आधारित अन्य उत्पादों का प्रसंस्करण, खाद्य प्रसंस्करण उत्पादों के निर्माण और मूल्य संवर्धन के कार्य राज्य में ही किए जाने को प्रोत्साहित करने के लिए विशेष निवेश प्रोत्साहन पैकेज (वनांचल उद्योग पैकेज ) का निर्णय ।

राज्य के प्रत्येक विकासखण्ड में फूडपार्क की स्थापना

  • राज्य में 200 फूडपार्क की स्थापना का लक्ष्य रखा गया है। इस हेतु विभन्न जिलों के 146 विकासखण्डों में से 101 विकासखण्डों में भूमि का चिन्हांकन कर लिया गया है। इसमें प्रमुख जिले रायपुर, दुर्ग, राजनांदगाव महासमुंद, बेमेतरा, बालोद बलरामपुर, जांजगीर-चांपा सरगुजा सुरजूर , जगदलपुर दंतेवाड़ा कांकेर सुकमा आदि है। अब तक 15 विकासखण्डों में कुल 204.517 हेक्टेयर शासकीय भूमि आधिपत्य राजस्व विभाग के माध्यम से उद्योग विभाग को प्राप्त हुआ है जिसमे अधोसंरचना विकास का कार्य प्रारंभ है।

एम.ओ.यू निष्पादन 

  • वर्ष 2019-20 में राज्य में नवीन उद्योगों की स्थापना के लिए कुल 23 इकाइयों के द्वारा एम.ओ.यू का निष्पादन किया गया है। जिसमे लगभग रुपए 8614.76 करोड़ की पूंजी निवेश एवं 16,463 व्यक्तियों को रोजगार प्रस्तावित है। 
  • एम.ओ.यू. निष्पादन पश्चात इकाइयों के द्वारा अब तक रुपए 72. 15 करोड़ का पूंजी निवेश किया जा चुका है।
  • इसमें मुख्यतः खाद्य प्रसंस्करण, बायो-एथेनॉल उत्पादन एवं कोर सेक्टर से उत्पादन सम्मिलित है।
  • छत्तीसगढ़ सरकार ने रक्षा उपकरण निर्माण के लिए निजी फर्म Atmastaco Ltd के साथ दुर्ग जिले में 87.50 करोड़ रुपये के निवेश के एमओयू पर हस्ताक्षर किये। यह कंपनी बुलेट प्रूफ जैकेट और हेलमेट का निर्माण करेगा। पहले चरण में, यह एक लाख का बुलेट प्रूफ जैकेट का निर्माण करेगी।

भूमि आबंटन नियमों का सरलीकरण 

• भू-प्रब्याजी – औद्योगिक क्षेत्रों में भूमि आबंटन भू-प्रब्याजी में 30 प्रतिशत की गई है।

  • भू-भाटक भू-भाटक में एक प्रतिशत की कमी की गई है।
  • औद्योगिक क्षेत्रो में 10 एकड़ तक आबंटित भूमि को लीज होल्ड किये जाने हेतु नियम तैयार कर अधिसूचना जारी की गई है।

छोटे भू-खण्डों की खरीद फरोख्त

  • नागरिकों को होने वाली कठिनाईयों के मद्देनजर त्वरित कार्रवाई कर 5 डेसीमल से छोटे भूखंडों की खरीद-बिक्री, हस्तांतरण और पंजीकरण पर प्रतिबंध हटा दिया है।
  • पंजीयकरण सॉफ्टवेयर में इसके अनुसार संशोधन कर लिया गया है।
  • पंजीयकरण सॉफ्टवेयर में इसके अनुसार संशोधन कर लिया गया है।
  • 1 जनवरी – 2019 से 30 सितम्बर- 2020 तक 1 लाख 46 हजार 928 छोटे भूखंडों के क्रय / विक्रय से संबन्धित दस्तावेज पंजीकृत किए गए है।
  • दस्तावेजों के बाजार मूल्य निर्धारण करने वाले गाईडलाईन की दरों में एकसमान 30 प्रतिशत की कमी दिनांक 25.07.2019 से की गई, जिसके लिए 24 जुलाई 2019 को आदेश पारित किए गए हैं।
  • जनहित में निर्णय लिया जाकर इस वित्तीय वर्ष 2020-21 के किए भी दरों को यथावत रखा गया है।
  • आवासीय मकानों और फ्लैटों की बिक्री जहां ऐसी संपत्ति का बाजार मूल्य 75 लाख रूपए से कम या उसके बराबर है, पंजीकरण शुल्क की प्रचलित दर (संपत्ति के दिशा-निर्देश मूल्य का 4 प्रतिशत) में दो प्रतिशत की छूट।
  • वर्तमान में उक्त छूट की अवधि को 31 मार्च 2021 तक के लिये बढ़ाया गया है।

ई-मानक पोर्टल उद्देश्य

– राज्य के लघु उद्योगों से निर्मित उत्पादों के शासकीय खरीदी को बढ़ावा देने के उद्देश्य से जेम (govt.e-marketplace) के स्थान पर राज्य के स्वयं के विपणन पोर्टल ई-मानक (ceps.cg.gov.in) प्रारंभ किया गया है। 

प्रारंभ 1 अक्टूबर 2019 से – 

प्रावधान / लाभ• वर्तमान में 70 केटेगरी के अंतर्गत 56 सामग्रियां खरीदी हेतु उपलब्ध है। 148 वस्तुओं की दर निर्धारण की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है।

11. रियल इस्टेट सेक्टर में हो रहा नवाचार

रियल इस्टेट सेक्टर में हो रहा नवाचार

सीजी आवास रियल इस्टेट सेक्टर में तेजी लाने हेतु छत्तीसगढ़ शासन द्वारा सीजी आवास ऐप का निर्माण किया गया

  • भू-व्यपवर्तन, अभिन्यास, कॉलोनी विकास की अनुमति एकल खिड़की से प्रदान की जाएगी 
  • आवासीय कॉलोनियों के विकास की अनुज्ञा मात्र 100 दिनों के भीतर कॉलोनाइजर- आवेदक द्वारा खसरा एकीकृत कर प्रस्तुत नहीं करने पर 40 दिन का अतिरिक्त समय 
  • प्रत्येक जिले में एडीएम नोडल अधिकारी नियुक्त किए गए 
  • वेब पोर्टल और एसएमएस के माध्यम से आवेदकों को जानकारी देने की व्यवस्था

11. रियल इस्टेट सेक्टर में हो रहा नवाचार

  •  भू-व्यपवर्तन, अभिन्यास, कॉलोनी विकास की अनुमति एकल खिड़की से प्रदान की जाएगी
  •  आवासीय कॉलोनियों के विकास की अनुज्ञा मात्र 100 दिनों के भीतर कॉलोनाइजर- आवेदक द्वारा खसरा एकीकृत कर प्रस्तुत नहीं करने पर 40 दिन का अतिरिक्त समय
  •  प्रत्येक जिले में एडीएम नोडल अधिकारी नियुक्त किए गए
  • वेब पोर्टल और एसएमएस के माध्यम से आवेदकों को जानकारी देने की व्यवस्था

12. राजीव युवा मित्तान क्लब

उद्देश्य – राजीव युवा मितान क्लब के माध्यम से राज्य की युवा शक्ति को संगठित कर युवाओं को मुख्यधारा से जोड़कर “गढ़बो नवा छत्तीसगढ़” के ध्येय वाक्य को साकार करना है। 

प्रारंभ 14 जनवरी 2020 

प्रावधान / लाभ– योजनान्तर्गत 146 विकासखण्डों की 11 हजार 664 ग्राम पंचायतों में निम्न गतिविधियों का क्रियान्वयन किया जा रहा है। 

  • युवाओं में नेतृत्व क्षमता का विकास तथा कौशल विकास की गतिविधियां 
  • शासन की विकास योजनाओं में साझेदारी 
  • सामाजिक कार्यक्रमों में भागीदारी स्वच्छता, स्वास्थ्य, वृक्षारोपण, वैचारिक, नैतिक विकास 
  •  खेल एवं सांस्कृतिक गतिविधियों से रचनात्मक कार्य स्वतंत्रता सेनानियों, महान विभूतियों पर विमर्श
  • हर क्लब को गतिविधियों के लिए 10000 रू. प्रतिमाह

नागरिक एप

  • सभी शासकीय विभागों की समस्त लोक सेवाओं को नागरिक घर बैठे प्राप्त कर सके, इस हेतु मुख्यमंत्री मितान योजना प्रारंभ की गई हैं।
  • योजना अंतर्गत नागरिक एप के माध्यम से मितान का अपॉइंटमेंट बुक कर सकते हैं।
  • निर्धारित समय पर मितान नागरिक के घर पहुंचकर सभी आवश्यक दस्तावेज मोबाइल पर स्कैन करेगा और निर्धारित समय सीमा में वांछित प्रमाण पत्र / लाइसेंस / सुविधा घर पहुंचाएगा।
  • टोल फ्री नंबर निदान – 1100 के माध्यम से प्रदेश के नगरीय निकायों से संबंधित किसी भी प्रकार की समस्या को नागरिक दर्ज करा सकते हैं।

13. पानी पसारी योजना

उद्देश्य – परंपरागत व्यवसायों तथा छत्तीसगढ़ की स्थानीय संस्कृति एवं परंपराओं को जीवन्त करने एवं इससे स्थानीय लोगों तथा बेरोजगारों के लिए व्यवसाय के अवसरों का सृजन करने के लिए राज्य प्रवर्तित “पौनी पसारी योजना” नवीन परिवेश में सभी 166 नगरीय निकायों में प्रारंभ की गई है।

प्रारंभ – महात्मा गांधी की 150वीं जयंती दिनांक 02 अक्टूबर 2019 से

प्रावधान / लाभ 

  • इस योजना में असंगठित क्षेत्र के परंपरागत व्यवसाय करने हेतु इच्छुक व्यक्तियों एवं स्व-सहायता समूह की महिलाओं को कौशल उन्नयन उपरांत सघन शहरी क्षेत्रों में व्यवसाय हेतु दस रूपये प्रति दिवस के दैनिक शुल्क पर चबूतरा उपलब्ध कराने का प्रावधान है।
  • अद्यतन 92 नग पौनी-पसारी बाजारों के निर्माण कार्य हेतु कुल राशि 23.69 करोड़ रूपए की स्वीकृति प्रदान की जा चुकी है। योजना के लिए आगामी दो वर्ष में 73 करोड़ रूपए से अधिक की राशि खर्च करने का लक्ष्य रखा है।
  • पौनी पसारी के मानक डिजाइन अनुसार प्रति बाजार परिसर में 15 बड़े चबूतरे उपलब्ध रहेंगे, जिन पर लगभग 90 लोग अपना व्यवसाय कर सकेंगे। योजना के तहत 12 हजार से अधिक परिवारों को रोजगार मिल सकेगा।

14. मलेरिया मुक्त बस्तर अभियान

उद्देश्य – बस्तर संभाग को मलेरिया, एनीमिया एवं कुपोषण मुक्त करने तथा शिशु व मातृ मृत्यु दर में कमी लाने के लिए मलेरिया मुक्त बस्तर अभियान की शुरूआत की गई है।

प्रारंभ – पहला चरण 15 जनवरी से 23 फरवरी 2020 तक दूसरा चरण 6 जून से 31 जुलाई 2020 तक 

प्रावधान / लाभ-

  • अभियान पहले चरण में 15 जनवरी से 23 फरवरी तक 14 लाख छह हजार लोगों की जांच की गई। इस दौरान मलेरिया पॉजिटिव पाए गए 64 हजार 646 लोगों का मौके पर ही इलाज कर दवाइयां दी गई थीं। 
  • दूसरे चरण में 23 लाख 75 हजार लोगोंकी जांच कर 30 हजार 076 मलेरिया पीड़ितों का उपचार किया गया 
  • मलेरिया मुक्त बस्तर अभियान के असर से सितम्बर 2019 तक की तुलना में सितम्बर 2020 में बस्तर संभाग में मलेरिया के मामलों में 65 प्रतिशत से अधिक की कमी आई है।

15. पढ़ई तुहर दुआर

उद्देश्य– कोविड महामारी के दौरान लॉकडाउन में विभिन्न कक्षाओं के अधूरे पाठ्यक्रम को पूरा करने के लिए ऑनलाईन कक्षाओं का संचालन करना ।

प्रारंभ – कोविड महामारी के दौरान मार्च 2020 से 

प्रावधान / लाभ- 

  • योजनान्तर्गत 22 लाख बच्चों एवं 2 लाख शिक्षकों को सीखने सिखाने की सुविधा । 
  • लॉकडाउन में स्कूल बंद होने के बावजूद बच्चे पढ़ाई कर पा रहे हैं। 
  • साइट के माध्यम से सभी स्टडी मटेरियल ऑनलाइन उपलब्ध । 
  • ई-क्लास होने की वजह से हर पाठ्यक्रम को बार बार देख कर सीखा जा सकेगा। 
  • विद्यार्थियों को शिक्षकों का लाइव सपोर्ट । पोर्टल पर वीडियों कॉन्फ्रेंस के जरिए छात्रों को पढ़ाया जाएगा। 
  • लाउडस्पीकर के माध्यम से ऑफलाईन सीखने की भी सुविधा । 
  • इंटरनेट के अभाव वाली जगहों पर ब्लूटूथ आधारित बुल्टू के बोल के माध्यम से कक्षाएं संचालित की जा रही है। 
  • नवम्बर 2020 तक 38 लाख ऑनलाइन कक्षाओं का आयोजन किया गया है ।

16. स्वामी आत्मानंद इंग्लिश मीडियम स्कूल योजना

उद्देश्य- छत्तीसगढ़ के स्कूली बच्चों के बेहतर भविष्य के निर्माण और इंग्लिश की महत्तव को ध्यान में रखते हुए यह योजना प्रारंभ की गई है।

प्रारंभ- शैक्षणिक सत्र 2020-21 से

प्रावधान / लाभ-

  • मौजूदा वित्तीय वर्ष में 52 स्कूल भवनों के निर्माण का संकल्प शासकीय इंग्लिश मीडियम स्कूलों में अब तक 27 हजार 741 बच्चे दाखिल 
  • विद्यालयों में स्थापित होंगे रोबोटिक्स, कम्प्यूटर व लिंग्विस्टिक लैब उच्च मापदंडों के साथ होगा शिक्षकों का चयन

17. कोदिड-19 के दौरान अहम फैसले

  • वैश्विक महामारी कोविड-19 के फैलाव को देखते हुए छत्तीसगढ़ में फरवरी से ही इस पर नियंत्रण की तैयारियां शुरू कर दी गई थीं। 
  • स्टेट कोविड कंट्रोल एंड कमांड सेंटर द्वारा राज्य में संक्रमण की स्थिति की लगातार निगरानी कर रोजाना समीक्षा की जा रही है। 
  • जांच और इलाज की सुविधा बढ़ाने के लिए हर जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं। कोविड-19 के मरीजों के इलाज के लिए सरकार द्वारा 32 विशेषीकृत, कोविड अस्पतालों की स्थापना की गई है। 
  • इन अस्पतालों में 4275 बिस्तर उपलब्ध। 517 आईसीयू बिस्तर एवं 479 वेंटिलेटर की व्यवस्था । 
  • बिना लक्षण और हल्के लक्षण वाले कोरोना संक्रमितों के इलाज के लिए प्रदेश भर के 207 कोविड सेंटर्स में 25,560 बिस्तर। 
  • स्वास्थ्य विभाग द्वारा संचालित 166 क्वारेंटाइन सेंटर्स में 4221 बिस्तर | 
  • प्रदेश के सभी 6 शासकीय मेडिकल कॉलेजों और रायपुर एम्स में कोरोना वायरस के आरटीपीसीआर जांच की सुविधा । 
  •  इसके लिए इन सभी संस्थानों में आईसीएमआर के मानकों के अनुरूप उच्च स्तरीय बीएसएल-2 वायरोलॉजी लैब स्थापित किए गए हैं। कोरोना संक्रमण पर नियंत्रण के लिए सैंपल जांच की संख्या लगातार बढ़ाई जा रही है। 
  • 07 चिकित्सा संस्थानों में आरटीपीसीआर जांच के साथ ही सभी जिलों में टू-नॉट मशीनों और रैपिड एंटीजन किट से जांच की जा रही है। 
  • हॉट-स्पॉट क्षेत्रों में शिविर लगाकर कोरोना संभावितों की जांच के लिए सैंपल संकलित किए जा रहे हैं।
  • हॉटस्पॉट क्षेत्रों में शिविर लगाकर कोरोना संभावितों की जांच के लिए सैंपल संकलित किए जा रहे हैं। 
  • देश के विभिन्न भागों से प्रदेश लौटे 6.5 लाख श्रमिकों के स्वास्थ्य की जांच कर उन्हें क्वारेंटाइन करने सभी जिलों में करीब 21 हजार सेंटर्स बनाए गए थे। 
  • कोविड मरीजों के प्रबंधन में प्रशिक्षित 16 हजार से अधिक मेडिकल स्टॉफ की तैनाती कोविड अस्पतालों और कोविड केयर सेंटर्स में की गई है। 
  • कोविड-19 पीड़ितों के इलाज और देखभाल में लगे मेडिकल स्टॉफ के लिए पर्याप्त संख्या में व्यक्तिगत सुरक्षात्मक उपाय पीपीई किट, मास्क और ग्लोव्स के इंतजाम किए गए हैं।
  • कोरोना वायरस की जांच और संक्रमितों के उपचार के लिए प्रदेश में जांच किट और सभी प्रकार की दवाईयां पर्याप्त संख्या में उपलब्ध हैं। 
  • स्पेशल ट्रेनों के माध्यम से 1.54 लाख श्रमिकों को छत्तीसगढ़ वापस लाया गया। 
  • श्रम विभाग द्वारा संकटापन्न श्रमिकों हेतु 8.81 करोड़ रूपए व्यय । 
  • लॉकडाउन की अवधि में कर्मचारी राज्य बीमा सेवाएं द्वारा संचालित औषधालयों के माध्यम से 1,54,077 श्रमिकों को स्वास्थ्य लाभ दिलाया गया।

18. सार्वभौम पीडीएस

उद्देश्य प्रदेश के आयकर एवं गैर आयकर दाता समस्त परिवारों को – खाद्यान्न की उपलब्धता सुनिश्चित करना । 

प्रारंभ महात्मा गांधी जी की 150वीं जयंती 02 अक्टूबर2019 से 

प्रावधान / लाभ- योजनान्तर्गत अन्त्योदय, प्राथमिकता, एकल निराश्रित, अन्नपूर्णा, निःशक्तजन एवं सामान्य राशनकार्डधारी परिवार शामिल है। 

1. योजना लागू होने से अब प्रदेश के सभी परिवार राशन कार्ड के लिए पात्र । 

2. राज्य की 96 प्रतिशत जनसंख्या को मिल रही है खाद्य सुरक्षा । 

3. सभी गरीब परिवारों को 35 किलो चावल देने का वादा पूरा राशनकार्ड धारी 05 से अधिक सदस्यों वाले परिवारों को मात्र 1रू. किलो की दर से प्रति सदस्य 07 किलो चावल । 

एपीएल परिवारों को भी मात्र 10 रूपए प्रति किलो की दर पर चावल प्रदाय ।

 राज्य के अनुसूचित और माडा क्षेत्र के 25 लाख अंत्योदय एवं प्राथमिकता परिवारों के भोजन में प्रोटीन की कमी पूरी करने के लिए रियायती दर 5 रूपये प्रति किलो की दर पर प्रतिमाह 2 किलो चना प्रदाय ।

 • कुपोषण को दूर करने नवम्बर 2020 से सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत कोण्डागांव जिले से फोटिफाईड चावल वितरण की योजना लागू की जा रही है।

19. शहीद महेन्द्र कर्मा तेंदूपत्ता संग्राहक सामाजिक सुरक्षा योजना

उद्देश्य – छत्तीसगढ़ राज्य में तेंदूपत्ता संग्रहण में लगे हुए लगभग 12. 50 लाख संग्राहक परिवारों को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से वन विभाग एवं छत्तीसगढ़ राज्य के लघु वनोपज सहकारी संघ मर्यादित के समन्वय से यह योजना प्रारंभ की गई है।

 प्रारंभ –  05 अगस्त 2020 

प्रावधान / लाभ – • तेंदूपत्ता संग्रहण दर को रू. 2,500/- प्रति मानक बोरा से बढ़ाकर रू. 4,000/- प्रति मानक बोरा किया गया।

  •  तेंदूपत्ता संग्राहक परिवार के पंजीकृत मुखिया की आकस्मिक मृत्यु, दुर्घटना जनित मृत्यु, पूर्ण विकलांगता तथा आंशिक विकलांगता की स्थिति में सहायता अनुदान उपलब्ध कराया जाएगा। 
  •  संग्राहक परिवार के मुखिया, जिसकी आयु मृत्यु दिनांक को 50 वर्ष से अधिक न हो, की सामान्य मृत्यु होने पर उसके द्वारा नामांकित व्यक्ति / उत्तराधिकारी को राशि 2 लाख रूपए की अनुदान सहायता राशि प्रदान की जायेगी। दुर्घटना से मृत्यु होने पर राशि 2 लाख रूपए अतिरिक्त रूप से प्रदाय किए जाएंगे।
  •  दुर्घटना में पूर्ण विकलांगता की स्थिति में 2 लाख रूपए तथा आंशिक विकलांगता की स्थिति में 1 लाख रूपए का सहायता अनुदान राशि प्रदान किया जाएगा। 
  • संग्राहक परिवार के मुखिया, जिसकी आयु मृत्यु दिनांक को 51 से 59 वर्ष के बीच हो, में सामान्य मृत्यु होने पर उसके द्वारा नामांकित व्यक्ति / उत्तराधिकारी को राशि 30 हजार रूपए, दुर्घटना मृत्यु होने पर 75 हजार रूपए तथा दुर्घटना में पूर्ण विकलांगता की स्थिति में 75 हजार रूपए तथा आंशिक विकलांगता की स्थिति में 37,500 रूपए का सहायता अनुदान राशि प्रदान की जाएगी।

20.  मुख्यमंत्री सुगम सड़क योजना  

उद्देश्य – जन सामान्य की सुविधा के लिए प्रदेश के सभी शासकीय भवनों चिकित्सालय, स्कूल, कॉलेज, पंचायत भवन, उचित मूल्य की दुकान, आंगनबाड़ी भवनों सहित अन्य शासकीय शैक्षणिक संस्थानों के भवन, हाट-बाजार, शमशान घाट मेला स्थल, धान संग्रहण केन्द्रों को मुख्य मार्ग से बारहमासी पक्की सड़क से जोड़ना ।

प्रारंभ 19 जून 2020 से 

प्रावधान / लाभ-  

  • लोक निर्माण विभाग द्वारा योजना के क्रियान्वयन के लिए वित्तीय वर्ष 2020-21 में 252 करोड़ रु. का प्रावधान किया गया है। • शासकीय सेवा केंद्रों तक सामान्य जन की पहुंच सुगमता के साथ हो सकेगी।

 

21. राज्य के प्रमुख विकास प्राधिकरण  

राज्य के प्रमुख विकास प्राधिकरण – 

  • राज्य के आदिवासी उपयोजना क्षेत्र में निवासरत आदिवासी समुदाय के सामाजिक, सांस्कृतिक तथा आर्थिक विकास के लिए पूर्व में बस्तर एवं दक्षिण क्षेत्र विकास प्राधिकरण तथा सरगुजा विकास प्राधिकरण गठित था। वर्ष 2019 में राज्य शासन द्वारा आदिवासी समुदाय, अनुसूचित जाति-जनजाति समूहों को प्राधिकरण से व्यापक स्तर पर जोड़ने, उनकी सहभागिता बढ़ाने तथा उचित प्रतिनिधित्व प्रदान करने के लिए इन प्राधिकरणों को समाप्त कर निम्नानुसार आदिवासी विकास प्राधिकरणों का गठन किया गया है। 
  • 01. बस्तर क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण
  • 02. सरगुजा क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण
  • 03. मध्य क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण 
  • 04. अनुसूचित जाति विकास प्राधिकरण 
  • 05. छ.ग. राज्य ग्रामीण एवं अन्य पिछड़ा वर्ग क्षेत्र विकास प्राधिकरण 
  • 06. इन्द्रावती बेसिन प्राधिकरण 
  • 07. छत्तीसगढ़ सिंचाई विकास प्राधिकरण 

बस्तर क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण

  • बस्तर क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण का मुख्यालय जगदलपुर बस्तर है। प्राधिकरण का कार्य वर्ष 2019 से जगदलपुर मुख्यालय से संचालित है। इस प्राधिकरण का बजट आज 35 करोड़ से बढ़कर 85 करोड़ हो गया है। प्राधिकरण द्वारा क्षेत्रीय आवश्यकतानुसार विकास कार्यो को स्वीकृत किया जा रहा है। क्षेत्रीय प्रतिनिधित्व मिलने से प्राधिकरण की उपयोगिता और अधिक बढ़ गई है।

सरगुजा क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण 

सरगुजा क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण का मुख्यालय अंबिकापुर, जिला संभाग सरगुजा ‘मुख्यालय में स्थित है। प्राधिकरण का कार्य वर्ष 2019 से सरगुजा से संचालित है। प्राधिकरण से क्षेत्रीय आवश्यकता के विकास कार्यों की स्वीकृतियां दी जा रही हैं। प्राधिकरण में आदिवासी समुदाय की सहभागिता एवं प्रतिनिधित्व के कारण प्राधिकरण की उपयोगिता बढ़ गई है। 

मध्य क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण 

मध्य क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण का मुख्यालय रायपुर में है। इस प्राधिकरण के कार्यक्षेत्र में रायपुर, दुर्ग, बिलासपुर के आदिवासी उपयोजना क्षेत्र में शामिल क्षेत्र तथा आंशिक रूप से शामिल क्षेत्र सम्मिलित है। 

अनुसूचित जाति विकास प्राधिकरण 

इस प्राधिकरण का मुख्यालय दुर्ग में स्थित है। राज्य के अनुसूचित जाति बाहुल्य क्षेत्र में निवासरत अनुसूचित जाति के लोगों के सामाजिक, सांस्कृतिक, आर्थिक विकास के लिए गठित अनुसूचित जाति विकास प्राधिकरण में अनुसूचित जाति के लोगों को उचित प्रतिनिधित्व प्रदाय करने, प्राधिकरण में अनुसूचित जाति समुदाय को जोड़ने के लिए अनुसूचित जाति विकास प्राधिकरण का पुनर्गठन वर्ष 2020 में किया गया है। इस प्राधिकरण के लिए 35 करोड़ 50 लाख रु का बजेट प्रावधानिक है । 

छ.ग. राज्य ग्रामीण एवं अन्य पिछड़ा वर्ग क्षेत्र विकास प्राधिकरण
राज्य के ग्रामीण क्षेत्र में निवासरत पिछड़ा वर्ग के लोगों की मूलभूत सुविधाओं के विस्तार हेतु गठित प्राधिकरण में ग्रामीण क्षेत्रों की सहभागिता बढ़ाने तथा ग्रामीण क्षेत्र के पिछड़ा वर्ग को उचित प्रतिनिधित्व प्रदान करने हेतु इस प्राधिकरण के पुनर्गठन की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है।

इन्द्रावती बेसिन प्राधिकरण 

मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने बस्तर की जीवनदायिनी इंद्रावती नदी के संरक्षण जल संवर्धन के लिए इंद्रावती बेसिन विकास प्राधिकरण के गठन की घोषणा की है। मुख्यमंत्री की घोषणा के परिपालन में जल संसाधन विभाग की ओर से वित्त विभाग को प्राधिकरण के गठन का जो प्रस्ताव भेजा गया है। प्राधिकरण में एक अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के दो पद का प्रावधान किया गया है। इंद्रावती विकास प्राधिकरण के लिए बजट आदिवासी उपयोजना जल संसाधन विभाग, नगरीय निकाय, पीएचई, वन विभाग आदि कई विभागों से लेने की योजना है। सभी विभाग मिलकर इंद्रावती नदी के संरक्षण और जल संवर्धन के लिए राशि प्राधिकरण के माध्यम से खर्च करेंगे।

छत्तीसगढ़ सिंचाई विकास प्राधिकरण
छत्तीसगढ़ के किसानों को सिंचाई सुविधाओं का भरपूर लाभ प्रदान करने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार ने राज्य में सिंचाई विकास प्राधिकरण का गठन किया है। मुख्यमंत्री की मंशा के अनुरूप राज्य में सिंचाई साधनों का विकास सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में शामिल है और इसके लिए मिशन मोड में कार्य करना आवश्यक है। इस बात को ध्यान में रखते हुए राज्य में छत्तीसगढ़ सिंचाई प्राधिकरण का गठन किया गया है। पूर्व में गठित छत्तीसगढ़ अधोसंरचना विकास निगम (सीआईडीसी) का वर्तमान में अपेक्षित उपयोग नहीं हो रहा है इसलिए सीआईडीसी को ही सिंचाई विकास प्राधिकरण में परिवर्तित किया गया है। छत्तीसगढ़ सिंचाई विकास प्राधिकरण राज्य में वास्तविक सिंचाई क्षमता के विस्तार के साथ ही नवीन सिंचाई योजनाओं के निर्माण की कार्ययोजना बनाएगा ताकि किसानों को उसका अधिक से अधिक लाभ मिल सके।


मुख्यमंत्री अधोसंरचना संधारण एवं उन्नयन प्राधिकरण
इस प्राधिकरण के गठन का उद्देश्य शिक्षा, स्वास्थ्य, पोषण तथा आवागमन (संचार) से संबंधित अधोसंरचनाओं के रख रखाव एवं उन्नयन संबंधी कार्यों के वित्त पोषण की पूर्ति है। प्राधिकरण संबंधित विभाग एवं जिला प्रशासन को आवश्यक सलाह भी देगा। मुख्यमंत्री इस प्राधिकरण के अध्यक्ष होंगे। प्राधिकरण के दो उपाध्यक्ष होंगे जो विधायकगण में से नामांकित होंगे। राज्य मंत्रिमंडल के समस्त मंत्रीगण, मुख्य सचिव, सचिव वित्त, सामान्य प्रशासन विभाग इसके सदस्य तथा मुख्यमंत्री के सचिव प्राधिकरण के सदस्य सचिव होंगे।

 

22. महात्मा गांधी उद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय  

राज्य का पहला उद्यानिकी महाविद्यालय      महात्मा गांधी उद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय

राज्य में उद्यानिकी फसलों का तेजी से बढ़ रहा रकबा एवं उत्पादन | छत्तीसगढ़ राज्य की जलवायु विविधता को देखते हुए यहां उद्यानिकी फसलों की खेती की असीम संभावनाओं को मूर्त रूप देने के लिए महात्मा गांधी उद्यानिकी विश्वविद्यालय की स्थापना एक सार्थक और सराहनीय पहल है। इससे राज्य में उद्यानिकी क्षेत्र में अनुसंधान एवं प्रशिक्षण के साथ-साथ उन्नत खेती को बढ़ावा मिलेगा। यह राज्य का पहला उद्यानिकी महाविद्यालय होगा।
दुर्ग जिले के सांकरा पाटन में 55 करोड़ रूपए की लागत से यह विश्वविद्यालय बनेगा, जिसकी आधारशिला 2 अक्टूबर को रखी गयी।

छत्तीसगढ़ राज्य में उद्यानिकी फसलों की खेती के रकबे में बीते कुछ वर्षों में चार गुना से अधिक की वृद्धि हुई है। उत्पादन भी पहले की तुलना में बढ़कर 5 गुना हो गया है। वर्तमान में 8 लाख 61 हजार से अधिक उद्यानिकी फसलों की खेती की जा रही है। देश में छत्तीसगढ़ राज्य उद्यानिकी फसलों की खेती के मामले में 13वें क्रम पर है।

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23.टेनिस स्पोर्ट्स अकादमी

मध्य भारत की पहली सर्वसुविधायुक्त टेनिस स्पोर्ट्स अकादमी 

  • टेनिस जगत में छत्तीसगढ़ को मिलेगी नयी पहचान 
  • पूर्व प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी की जयंती पर खिलाड़ियों और खेल प्रेमियों को मिली बड़ी सौगात 
  • रायपुर के कृषि विश्वविद्यालय परिसर में 4 एकड़ भूमि में बनेगी अकादमी |
  •  खेल अकादमी 15 माह में तैयार होगी

24. नरवा, गरवा घुरवा और बारी

सुराजी गांव योजना के अंतर्गत नरवा, गरवा घुरवा, बारी कार्यक्रम शुरू किया गया है। इस का उद्देश्य ग्रामीण अर्थव्यवस्था को परंपरागत घटकों को संरक्षित तथा पुनर्जीवित करते हुए गांवों को राज्य की अर्थव्यवस्था के केंद्र में लाना है। साथ ही पर्यावरण में सुधार करते किसानों तथा ग्रामीणों की व्यक्तिगत आय में वृद्धि करना है। हुए
नरवा
उद्देश्य –
नरवा कार्यक्रम का प्रमुख उद्देश्य नरवा संरक्षण के माध्यम से कृषि एवं कृषि से संबंधित गतिविधियों को बढ़ावा देना है। साथ ही जल स्त्रोतों का संरक्षण एवं उनको पुनर्जीवित करना ताकि सतही जल बह कर अन्यत्र न जाय, भूगर्भीय जल में वृद्धि हो ।
प्रारंभ  1 जनवरी 2019 से
प्रावधान / लाभ-

  • 2 हजार से अधिक जलाशयों के वैज्ञानिक ढंग से विकास का लक्ष्य है, जिसमें से 1207 नालों का डीपीआर तैयार ।
  • नरवा संरक्षण संरचनाओं का निर्माण इस दृष्टिकोण से किया जावेगा कि इन संरचनाओं के माध्यम से जलस्त्रोतों का बहाव गर्मी के दिनों तक उपलब्ध रहें, साथ ही भूगर्भीय जल का सवर्धन भी हो । 
  • प्रत्येक क्षेत्र / विकास खंड में नालों का चिन्हांकन करना  
  • भूजल प्रास्पेक्टिव मैप की सहायता से भूजल के अध्ययन का कार्य ।

गरवा
उद्देश्य-
ग्रामीण परिदृश्य में पशु पालक उन्नत नस्ल के पशुओं का उचित प्रबंधन ठीक से नहीं कर पाते हैं साथ ही अनुत्पादक / अल्प उत्पादक व कृषि कार्य हेतु अनुपयुक्त पशुओं का रख-रखाव व पालन पोषण भी नहीं कर पाते हैं। इसी तथ्य को दृष्टिगत रखते हुए प्रत्येक ग्राम पंचायत में गौठान का निर्माण कर पशु संवर्धन का कार्य किया जा रहा है।
प्रारंभ 1 जनवरी 2019 से

प्रावधान / लाभ-

  • 5 हजार गौठानों के विकास का लक्ष्य, 1905 गौठान निर्मित तथा 2700 चिन्हांकित 1703 चारागाह निर्माण की स्वीकृति, 718 का कार्य पूर्ण
  • प्रत्येक ग्राम पंचायत में गौठान का विकास किया जा रहा है। प्रत्येक विकासखंड में एक ‘मॉडल गौठान’ बनाया जा रहा है।
  • गौठानों में गोबर और मिट्टी का उपयोग सिर्फ जैविक खाद के लिए ही नहीं किया जा रहा है बल्कि दिए, मूर्तियाँ और हस्तकला के बेहतरीन नमूने भी इन गौठानों में बन रहे हैं। ये हस्तशिल्प प्रदेश के साथ-साथ अन्य राज्यों के भी शहरों और महानगरों में बचे जा रहे हैं ।
  • जैविक खेती तथा पशुपालन को बढ़ावा देने के लिए शुरू की गई गोधन न्याय योजना का संचालन इन्हीं गौठानों के माध्यम से किया जा रहा है। इसके तहत 2 रू. किलो की दर से गोबर खरीदी कर स्वसहायता समूहों के माध्यम से जैविक खाद बनाया जा रहा है।

घुरवा
उद्देश्य
इस कार्यक्रम का उद्देश्य कृषि तथा जैविक अपशिष्टों से जैविक खाद का निर्माण कर किसानों को उसकी उपलब्धता सुनिश्चित करना है, ताकि रासायनिक खाद के उपयोग को प्रचलन से बाहर कर भूमि की उर्वरता बढ़ाई जा सके। कृषि उत्पादकता तथा कृषि आय में वृद्धि की जा सके।
प्रारंभ 1 जनवरी 2019 से

प्रावधान / लाभ-
• 4 हजार गांवों में 5 लाख टन से अधिक जैविक खाद तैयार तथा विक्रय |
लगभग 3 लाख 14 हजार मीट्रिक टन जैविक खाद का निर्माण और उपयोग किया गया है। अब यह कार्यक्रम आंदोलन का रूप ले रहा है ।
गोधन कार्यक्रम के तहत ग्रामीणों से 2 रू. किलो की दर से गोबर खरीदी कर स्व सहायता समूहों के माध्यम से जैविक खाद बनाया जा रहा है।

बाड़ी 

उद्देश्य-

पारंपरिक घरेलू बाड़ियों में सब्जियों तथा फल-फूल के उत्पादन को बढ़ावा देकर गांवों में पोषक आहारों की उपलब्धता बढ़ाना। घरेलू आवश्यकताओं की पूर्ति के साथ-साथ व्यावसायिक स्तर पर भी सब्जी तथा फल-फूल का उत्पादन करना ताकि ग्रामीणों को अतिरिक्त आय हो सके।
प्रारंभ 1 जनवरी 2019 से

प्रावधान / लाभ-
फल तथा सब्जी उत्पादन के लिए बीजों का वितरण।
• 4500 गांवों में 1 लाख 45 हजार बाड़ियों का उन्नयन ।

25. धरसा विकास योजना  

  • गांवों में खेतों-खलिहानों तक पहुंचने के लिए बनेंगे सुविधाजनक पक्के रास्ते •
  • स्वामी आत्मानंद जी की जयंती 6 अक्टूबर 2020 को मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की घोषणा • 
  • मानक संचालन प्रक्रिया के निर्धारण की प्रक्रिया शुरु • 
  • पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग, लोकनिर्माण विभाग, राजस्व विभाग की सचिव स्तरीय समिति गठित • 
  • किसानों-ग्रामीणों मजदूरों की राह अब होगी आसान
  • कोऑपरेटिव बैंक से ब्याज मुक्त ऋण उपलब्ध कराने और किसानों को दी जाने वाली बिजली दरों में छूट हेतु अधिकारियों को योजना बनाने के निर्देश दिये गये है।
  • मत्स्य उत्पादन और मत्स्य बीज उत्पादन के मामले में भी छत्तीसगढ़ देश का अग्रणी राज्य है।• 
  • पिछले दो वर्षा में प्रदेश में मत्स्य बीज उत्पादन में 13 प्रतिशत और मत्स्य उत्पादन में 9 प्रतिशत की उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।• 
  • प्रदेश के सबसे बड़े हसदेव बांगो जलाशय में एक हजार केज की परियोजना स्वीकृत की गई है।

संबल छत्तीसगढ़ सरकार की योजनाएँ

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